गुलाब पंखुड़ी
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जिंदगी का अनोखा किस्सा
आज जब वह पुरानी स्कूल की डायरी मिली तो सभी यादें ताजा हो गई
मैं मीरा, 11वीं क्लास, विवेकानंद स्कूल जयपुर, में पढ़ती हूं 3 महीने की छुट्टियों के बाद आज स्कूल का पहला दिन है
चौराहे पर साईं बाबा का मंदिर है मैं हर सोमवार वहां जाती हूं आज भी गई वहां कोई लड़का बैठकर रो रहा था पता नहीं क्यों और उसने हमारे स्कूल की यूनिफार्म ही पहन रखी थी वह राहुल था हमारे स्कूल का सबसे बिगड़ा हुआ और अमीर लड़का मैंने आज तक उसे कभी ठीक से देखा भी नहीं था लेकिन मैं रुक गई और उसे प्रसाद दिया लेकर वहां से चला गया मैं वहां से जा रही थी तो देखा उसकी अंगूठी वहीं रह गई थी पता नहीं क्यों लेकिन मैंने उठा ली और स्कूल चली गई क्लास में कब से पूजा का इंतजार कर रही हूं आज उसका जन्मदिन है मैंने उसे सब बात बताई तो उसने कहा कि मैं उसे साइंस सेक्शन में जा कर यह दे आऊं मैं आर्ट्स सेक्शन में हूं मैं गई और उसे दे दिया उसने कुछ कहा ही नहीं मैं भी कुछ सुनना नहीं चाहती थी आज पापा लंच में ही मुझे लेने आ गए थे मंदिर में मां के नाम की पूजा रखी थी इसलिए सब मंदिर गए थे वहां घाट के सामने फिर से मैंने उसे देखा दादी ने कहा कि सब को प्रसाद दे आओ तो मैं उसके पास भी चली गई यहां पर भी रो रहा था प्रसाद लेकर वहां से चला गया फिर कुछ दिनों तक मैंने उसे नहीं देखा वो स्कूल भी नहीं आया था
part-2
part-3
दिन गुजर रहे थे लेकिन मेरे दिमाग से वह बात नहीं जा रही थी दादी कुछ दिनों के लिए बनारस जा रही थी मेरी नानी के घर मेरी नानी और दादी दोस्त है मेरी भी दिवाली की छुट्टियां थी इसलिए मैं भी साथ जा रही थी मुझे ट्रेन से सफर करना बेहद पसंद है इस बार तो लंबा सफर भी था मैं खिड़की वाली साइड बैठी थी मुझे फिर से यकीन नहीं हुआ मेरे साथ जो हो रहा था कुछ दिनों में उस पर यकीन कर पाना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था सामने वाली सीट पर वह हॉस्पिटल वाली आंटी बैठी थी मैंने भी ठान ली कि आज तो सच जानकर रहूंगी कि राहुल कहां गया और उसने सुसाइड करने की कोशिश क्यो कि वैसे तो मेरा उससे कोई लेना देना नहीं था पर पता नहीं क्यों मुझे सच जानना था मैंने उन आंटी को साईं बाबा का प्रसाद देकर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मीरा हो ना तो मैंने उनसे पूछा कि वह मुझे कैसे जानती है उन्होंने कहा कि वो राहुल की मां है और राहुल ने उन्हें वह प्रसाद खिलाया था जो मैंने उसे दिया था यह बिल्कुल वैसा ही है मैं तो यह सोच रही थी कि उसने मेरे बारे में क्यों बताया था
part-4
उन्होंने बताया कि राहुल को कैंसर था उसके शरीर में अचानक दर्द होता जो उससे सहन नहीं हो रहा था डॉक्टर कुछ नहीं कर पा रहे थे वह तड़प रहा था वह जीना भी चाहता था पर इस दर्द के साथ नहीं इस तरह जीने से अच्छा से मरना अच्छा लगा और 4 अक्टूबर को वह अल्फा टावर से कूद गया इतना पैसा कमा कर भी हम अपने बेटे को नहीं बचा सके और 6 अक्टूबर को उसकी सांसे बंद हो गई कहती कहती वह रोने लग गई मैं यह सब सह नहीं पा रही थी और उन्होंने मुझे बताया कि राहुल आखिरी बार मुझसे मिलना चाहता था यह सुनकर मुझसे रहा नहीं गया मैं कंपार्टमेंट से बाहर आ गई और जोर से रोने लगी पता नहीं क्यों वह मुझसे मिलना चाहता था मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी वह दर्द सहन नहीं हो रहा था उस दिन हॉस्पिटल में वह सो नहीं रहा था वह मर चुका था और आंटी उसी के लिए पूजा करवाने बनारस जा रही थी खास दिन उसे मिल पाती और उन्होंने कहा कि राहुल मुझसे मिलना चाहता था शायद इस पूजा में बैठ कर मै उसकी की आखिरी इच्छा पूरी कर सकूं
part-5
इस बात को आज पूरे 4 साल हो गई लेकिन मैं भूल नहीं पाई हर रोज में साईं बाबा के मंदिर जाती हूं जहां मैंने उसे पहली बार रोते हुए देखा था पता नहीं ऐसा क्यों हुआ वह मेरी जिंदगी में आया और चला गया और शायद मुझे कभी भूल भी नहीं सकती और इस बात को भी कि वह मुझसे क्यों मिलना चाहता था
2019 best heart touching lines
lovely sayari
sad love story
pyari sayari
Sad sayari
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